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क्यों मृत्यु भोज का बहिष्कार करें पढ़ाई समझे और शेयर करे

*📮 यह कैसा मृत्युभोज है ???❓*
जिस भोजन को रोते हुए बनाया जाता है

जिस भोजन को खाने के लिए रोते हुए
        बुलाया जाता हैं
जिस भोजन को आँसू बहाते हुए
         खाया जाता हैं
         उस भोजन को
    मृत्युभोज कहा जाता है
      😩😩😩😭😭

जिस परिवार मे विपदा आई हो उसके साथ इस संकट की घड़ी मे जरूर  खडे़ हो और तन,मन,और घन से सहयोग करे और मृतक भोज का बहिस्कार करे ।
भोजन तभी करना चाहिएजब खिलाने वाले का मन प्रसन्न हो, खाने वाले का मन प्रसन्न हो। लेकिन जब खिलाने वाले एवं खाने वालों दोनो के दिल में दर्द हो, वेदना हो,
तो ऐसी स्थिति में कदापि भोजन नहीं करना चाहिए।

यह तेरहवी संस्कार समाज के चन्द चालाक लोगों के दिमाग की उपज है।

किसी भी धर्म ग्रन्थ में मृत्युभोज का विधान नहीं है।
मृत्युभोज खाने वाले की ऊर्जा नष्ट हो जाती है।

अर्थात मृत्युभोज शरीर के लिए ऊर्जावान नहीं है।

इसी लिए महापुरुषों ने मृत्युभोज का जोरदार ढंग से विरोध किया है।

जिस भोजन बनाने का कृत्य जैसे लकड़ी फाड़ी जाती तो रोकर, आटा गूँथा जाता तो रोकर एवं पूड़ी बनाई जाती है तो रोकर यानि हर कृत्य आँसुओं से भीगा। यहाँ तक कि खाना खिलाने वाला खाना खिलाता है आंसू बहा कर और खाना खाने वाला भी खाता है आंसू बहा कर।

ऐसे आँसुओं से भीगे निकृष्ट भोजन एवं तेरहवीं भेाज का पूर्ण रूपेण बहिष्कार कर समाज को एक सही दिशा दें।

*जानवरों से सीखें,*

जिसका साथी बिछुड़ जाने पर वह उस दिन चारा नहीं खाता है।

जबकि बुद्धीवान मानव,
एक आदमी की मृत्यु पर हलुवा पूड़ी खाकर शोग मनाने का ढ़ोंग रचता है।

इससे बढ़कर निन्दनीय कोई दूसरा कृत्य हो नहीं सकता।

यदि आप इस बात से सहमत हों, तो आप आज से संकल्प लें कि आप किसी के मृत्यु भोज को ग्रहण नहीं करंगे।

ग्रुप के सभी सम्मानित सदस्यों से परम् आग्रह है
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*मृत्युभोज समाज में फैली कुरीुति है व समाज के लिये अभिशाप है ।*
*इसका जोरदार ढंगसे बहिष्कार करें*

            🙏समाज हित में🙏

2 comments:

  1. Yes hm mrityu buoj Ka बहिष्कार करते है

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  2. जिस आंगन में पुत्र शोक से बिलख रही है माता वहां पहुंच कर कर स्वाद जीभ का तुमको कैसे भाता
    –---------------------------------------------
    पति के चीर वियोग में व्याकुल युवती विधवा रोती बड़े चाव से पंगत खाते तुम्हें पीड़ा नहीं होती_________________
    मरने वालों के प्रति अपना शब्द व्यवहार निभाओ धर्म यही कहता है बन्धुओ मृतक भोज मत खाओ___________
    चला गया संसार छोड़कर जिसका पालन हारा पडा चेतना हिन जहां पर बृजपात दे मारा___________
    दुख भूखे रहकर भी परिजन 13वां खिलाते अंधी परंपरा के पीछे जीते जी मर जाता_______
    इस कुरीति के अन्नमुलन का साहस कर दिखाओ धर्म यही कहता है बंधुओं मृत्यु भोज मत खाओ

    ReplyDelete